FAQs
प्रश्न.1: 2 अक्टूबर से लागू 'मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा योजना' में हमें क्या लाभ होगा ?
उत्तर : सर्वाधिक उपयोग मे आने वाली दवाईयां, सर्जिकल आईटम जैसे निडल्स, डिस्पोजेबल सिरिंज, केन्यूला, ग्लव्स, ब्लड ट्रांसफ्यूजन सेट व टांकों हेतु सूजर्स आदि नि:शुल्क उपलब्ध करवायें जायेगें।
प्रश्न.2: ये दवाईयां किसे मिलेगी ?
उत्तर : राजकीय चिकित्सालय में उपचार हेतु आने वाले उन सभी आउटडोर एवं भर्ती मरीजों नि:शुल्क दवाईयों का लाभ मिलेगा
प्रश्न.3: अस्पाताल में जाने वाले मरीजों को दवा किस स्थान से मिलेगी ?
उत्तर : राजकीय चिकित्सालय में चिकित्सक से परामर्श करने के बाद पर्ची दिखाकर चिकित्सालय में स्थित नि:शुल्क दवा काउन्टर से दवाईयां मिलेगी।
प्रश्न.4: क्या दवाईयों के लिए मरीज को पैसे देने पडेगे ?
उत्तर : नहीं। राजकीय चिकित्सालयों में ये दवाईयां नि:शुल्क उपलब्ध रहेगी।
प्रश्न.5: क्या सभी प्रकार दवाईंया नि:शुल्क मिलेगी ?
उत्तर : देखिये। 90 प्रतिशत बिमारियों का ईलाज लगभग 250 से 300 प्रकार की आवश्यक दवाईंयों से सम्भव है। सभी जगह लगभग 300 प्रकार की दवाईयां एवं लगभव 100 प्रकार के सर्जिकल आईटम एवं सूजर्स उपलब्ध कराये जा रहें है।
प्रश्न.6: जैनेरिक दवाईयां क्या है ?
उत्तर : जैनेरिक दवा ब्राण्डेड दवा का ही समरूप है, जो कि रसायनिक रूप, शुद्धता, मात्रा, सुरक्षा, ताकत, गुणवत्ता, उपयोगिता में ब्राण्डेड दवा के समान ही इसकी खुराक ली जाती है एवं ये उसी के समान असर करती है।
प्रश्न.7: क्या जैनेरिक दवाईयां ब्राण्डेड दवाईयों के समान कारगर एवं सुरक्षित है ?
उत्तर : हां। जैनेरिक दवाईयों में उपयोग होने वाले सॉल्ट वहीं है एवं उनकी कार्यक्षमता और सुरक्षा भी वही है। साथ ही जैनेरिक दवाईयां व ब्राण्डेड दवाईयों के गुणवत्ता मानक 'क्वालिटी स्टेण्डर्ड' भी समान है।
प्रश्न.8: दवाओं की गुणवत्ता किस प्रकार सुनिश्चित की जायेगी ?
उत्तर : जैनेरिक दवाईयां लाईसेन्सशुदा प्रतिष्ठित औषधि निर्माताओं से ही ली जा रही है। सभी दवाईयां क्वालिटी टेस्ट सर्टिफिकेट के उपरान्त ही दवा वितरण केन्द्र पहुंचाई जा रही है।
प्रश्न.9: नि:शुल्क दवा वितरण केन्द्र पर मरीज को दवाई मिलने में अगर किसी प्रकार की कठिनाई हो तो कंहा सम्पर्क करें ?
उत्तर : तुरन्त राजकीय चिकित्सा संस्थान के प्रभारी/ब्लॉक सीएमओ/सीएमएचओ/जिला कलेक्टर से सम्पर्क करे अथवा राज्य स्तरीय अधिकारी से 0141-2228066 नम्बर पर सूचित करें या rmsc@nic.in पर ईमेल भेज कर अपनी कठिनाई से अवगत करावे।
प्रश्न.10: क्या एपीएल मरीजों को ओपीडी/आईपीडी में एमआरएस के द्वारा निर्धारित पर्ची शुल्क देना पडेगा ?
उत्तर : हां। एमआरएस द्वारा निर्धारित नाममात्र पर्ची शुल्क पूर्व की भांति लिया जायेगा। इसे चिकित्सालय में अच्छी सुविधाएं देने हेतु खर्च किया जायेगा।
प्रश्न.11: इस सुविधा हेतु क्या राजस्थान के मूल निवासी होने का प्रमाण पत्र देना होगा ?
उत्तर : नहीं। जो भी मरीज राजकीय चिकित्सालय में ईलाज के लिए आयेगा, उसे नि:शुल्क दवाईयों की सेवाएं बिना किसी प्रमाण पत्र के प्रदान की जायेगी।
प्रश्न.12: क्या एम्स, पीजीआई आदि से भी गम्भीर बिमारियों का ईलाज ले चुके मरीजो को फॉलोअप करने के लिए नि:शुल्क दवाईयां उपलब्ध कराई जायेगी ?
उत्तर : हां। ऐसे मरीजों को पूर्व की भांति राजकीय संस्थान में अपना पंजीकरण कराना होगा, एवं साथ ही पूर्व में लिये गये ईलाज की प्रिस्क्रिप्शन की छायाप्रति उपलब्ध करानी होगी। उसके बाद नि:शुल्क दवा वितरण केन्द्र से उस मरीज को आवश्यक दवाईयां नि:शुल्क प्रदान की जायेगी।
प्रश्न.13 : क्या निजी अस्पताल/निजी चिकित्सक को दिखाने वाले मरीजों को भी राजकीय संस्थाओं में नि:शुल्क दवा दी जायेगी ?
उत्तर : नहीं, राजकीय अस्पताल में दिखाने पर ही नि:शुल्क दवा दी जावेगी। निजी अस्पताल के चिकित्सक की पर्ची पर नि:शुल्क दवा नहीं दी जावेगी।
प्रश्न.14: क्या राजकीय चिकित्सा संस्थानों में आने वाले मरीजों को दवा के अलावा जांच भी नि:शुल्क करवाई जावेगी ?
उत्तर : नहीं, जांच आरएमआरएस द्वारा निर्धारित शुल्क लेकर ही की जावेगी।
प्रश्न.15 : क्या ईडीएल के अनुसार नि:शुल्क दवाईयां सब-सेन्टर, प्राईमरी, सेकण्डरी एवं मेडिकल कॉलेज चिकित्सा संस्थानों में उपलब्ध करवाई जावेगी ?
उत्तर : हां, सभी चिकित्सा संस्थानों के स्तर के अनुसार अलग-अलग संख्या में दवाईयां उपलब्ध करावाई जावेगी।
प्रश्न.16 : नि:शुल्क दवा वितरण योजना में चिकित्सा संस्था प्रभारी का क्या दायित्व होगी ?
उत्तर : योजना के अन्तर्गत सभी प्रकार की जानकारी उपलब्ध करवाना और यह सुनिश्चित करवाना कि काई भी मरीज नि:शुल्क दवा वितरण सुविधा से वंचित ना रहे एवं कम समय में मरीज को दवा उपलब्ध हो सके।
प्रश्न.17 : मुख्यमंत्री जीवन रक्षा कोष एवं मुख्यमंत्री सहायता कोष की योजना का क्या होगा ?
उत्तर : मुख्यमंत्री जीवन रक्षा कोष एवं मुख्यमंत्री सहायता कोष की योजना पूर्व की भांति यथावत रहेगी।
प्रश्न.18 : दवा वितरण केन्द्रों का समय क्या होगा ?
उत्तर : दवा वितरण केन्द्र ओ.पी.डी. समय में खुले रहेगें और मेडिकल कॉलेज अस्पताल व जिला अस्पतालों में कम से कम एक वितरण केन्द्र 24 घण्टे खुला रहेगा।
प्रश्न.19 : क्या राज्य कर्मचारियों के पुनर्भरण की व्यवस्था बन्द होगी ?
उत्तर : नहीं, उपलब्ध दवाईयां नि:शुल्क दी जावेगी व अन्य आवश्यक दवाईयों का पुनर्भरण पूर्व की भांति ही यथावत रहेगा।
प्रश्न.20 : पेन्शनर्स के लिए क्या व्यवस्था रहेगी ?
उत्तर : आरएमएससी द्वारा क्रय की गई दवाओं में ब्लड प्रेशर, हृदय रोग, डायबिटीज, जोड दर्द आदि दवाईयों को पेन्शनर्स की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर खरीदा गया है। इन्हे नि:शुल्क दवा वितरण केन्द्र के माध्यम से लिया जा सकेगा। चिकित्सक द्वारा आरएमएससी दवाओं के अतिरिक्त अन्य दवाएं लिखने पर यह कॉ-आपरेटिव स्टोर से पूर्व की भांति प्राप्त की जा सकेगी।
प्रश्न.21 : पेन्शनर्स को इससे परेशानी जो नहीं होगी ?
उत्तर : नहीं, अपितु उनको तो निम्नलिखित लाभ ही होगे :-
1. वार्षिक लिमिट में ही दवाएं आयेगी तो लिमिट एक्सटेन्शन हेतु कोषाधिकारी कार्यालय व कलेक्ट्रेट के चक्कर नहीं लगाने पडेगें।
2. एनएसी के झंझट से मुक्ति ।
3. अनावश्यक दवाओं के साईड इफेक्ट से बचाव।
प्रश्न.22 : मरीजों को एक बार में कितने दिवस की दवा दी जावेगी ?
उत्तर : सामान्यतया रोगी को तीन दिन की नि:शुल्क दवा उपलब्ध कराई जावेगी। अत्यावश्यक होने पर या विशेष परिस्थितियों में कारण इंगित करते हुए 7 दिन तक की दवा दी जा सकती है। लम्बी बीमारी (Chronic illness)यथा ब्लड प्रेशर/डायबिटीज/हृदय रोग/ मिर्गी/एनिमिया/ओस्टियोअर्थराईटिस आदि के रोगीयों व पेंशनर्स को एक माह तक की अवधि की दवाईयां उपलब्ध कराई जा सकेगी।