विभागीय गतिविधियां
आरोग्य मेला
आयुष चिकित्सा पद्धतियों के चिकित्सकीय, शैक्षणिक, साहित्यिक एवं पर्यटन उपयोगी स्वरूप का वृहत् स्तर पर प्रदर्शन करने के उद्देश्य से राज्य में माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा घोषणा की क्रियान्विति के फलस्वरूप माह नवम्बर 2007 में प्रथम बार अजमेर, जयपुर, उदयपुर में आयोजित किया गया।
वर्ष 2008 में जयपुर, बीकानेर, भरतपुर, कोटा, जोधपुर, अजमेर में
वर्ष 2009 में जयपुर, बीकानेर, उदयपुर, कोटा, जोधपुर, अजमेर में
वर्ष 2010 में अग्रवाल स्कूल अजमेर में
वर्ष 2012 में एस.एम.एस. स्टेडियम जयपुर में
वर्ष 2014 में बिडला ओडिटोरियम जयपुर में
वर्ष 2015 फरवरी में राष्ट्रीय मेला जयपुर में
वर्ष 2015 मार्च में राष्ट्रीय मेला उदयपुर में
वर्ष 2016 जनवरी में जोधपुर में
13 से 16 दिसम्बर 2016 तक बीकानेर में राज्य स्तरीय आरोग्य मेले का आयोजन किया गया ।
इसी प्रकार 22-25 दिसम्बर 2017 भरतपुर में राज्य स्तरीय आरोग्य मेले का आयोजन किया गया ।
आरोग्य दिवस
विभागीय चिकित्सालयो/औषधालयों द्वारा प्रत्येक माह के प्रथम शनिवार को यह दिवस मनाया जाता है। इसमें ग्रामवासियों, जनप्रतिनिधियों व ग्राम में पदस्थापित अधिकारियों/कर्मचारियों के साथ निम्न बिन्दुओं पर चर्चा की जाती हैः-
मौसमी बीमारियों की रोकथाम के उपायों की जानकारी देना ।
क्षेत्र में पायी जाने वाली स्थानीय वनस्पतियों की जानकारी व उपयोगिता बताना।
दिनचर्या, रात्रिचर्या, आहार, विहार, व्यायाम आदि के लाभों की जानकारी देना ।
जल शुद्धि व वातावरण की स्वच्छता के उपाय व लाभ बताना ।
घरेलू नुस्खों व चिकित्सकीय अनुभवों का आदान-प्रदान करना ।
औषधालय द्वारा किये गये कार्यों की जानकारी देना व सुधार हेतु सुझाव आमन्त्रित करना ।
परिवार कल्याण व अन्य राष्ट्रीय कार्यक्रमों में जन सहभागिता सुनिश्िचत करना।
धन्वन्तरि जयन्ती समारोह
धन्वन्तरि त्रयोदशी को आयुर्वेद विज्ञान के आदि प्रवर्तक भगवान् धन्वन्तरि का आविर्भाव दिवस के रूप में मनाया जाता है। पौराणिक आख्यान के अनुसार देवताओं एवं राक्षसों द्वारा अमृत की आकांक्षा से किये गये समुद्र मन्थन से निकले चौदह रत्नों में से एक रत्न भगवान् धन्वन्तरि की उत्पत्ति के रूप में माना जाता है, जिनके एक हाथ में अमृत कलश्ा तथा दूसरे हाथ में वनौषधियॉ व आयुर्वेद शास्त्र धारण किया हुआ था। इन्हीं भगवान् धन्वन्तरि ने आयुर्वेद शास्त्र ज्ञान की धारा का जन-जन में प्रवाहित करते हुए वनौषधियों में अमृतत्व का समावेश्ा किया है। धनतेरस के दिन आरोग्य के आदिदेव को कृतज्ञतापूर्वक स्मरण किया जाता हैं तथा आरोग्य की कामना के साथ जनसामान्य को रोगों की पीडा से मुक्त करने की प्रार्थना करते है।
प्रतिवर्ष विभागीय स्तर पर धन्वन्तरि जयन्ती का आयोजन आरोग्य सप्ताह के रूप में किया जाता है। राज्य स्तरीय मुख्य समारोह जयपुर/अजमेर में आयोजित किया जाता है तथा प्रश्ांसनीय सेवाओं के लिये विभागीय अधिकारियों/कर्मचारियों को प्रंश्ासा पत्र देकर सम्मानित किया जाता है।
शिविर एवं प्रदर्शनियां आयोजन
जन-साधारण को स्वस्थ रहने व खानपान के नियमों से अवगत करानें, विभिन्न रोगों से बचने व रोग की अवस्था में उसके समुचित उपचार की जानकारी देने तथा रोग से पीडित व्यक्ति का उपचार करने हेतु विभाग द्वारा समय-समय पर चिकित्सा शिविर व प्रदर्श्ानियां लगायी जाती है। राज्य में सम्पन्न होने वाले धार्मिक व सांस्कृतिक मेलों व उत्सवों के अवसर पर भी विभाग की ओर से शिविरों का आयोजन किया जाता है।
अर्श-भगन्दर के पीडित व्यक्तियों की क्षार-सूत्र पद्धति से चिकित्सा हेतु चिकित्सा शिविरों का आयोजन भी विभाग द्वारा किया जाता है। इसके अतिरिक्त स्वयंसेवी संगठनों, सामाजिक संस्थाओं व धनाढ्य व्यक्तियों के द्वारा भी समय-समय पर चिकित्सा शिविरों का आयोजन किया जाता है। इन शिविरों में विभाग की ओर से चिकित्सक विश्ोषज्ञ की सेवाएं व आवश्यकता अनुरूप औषधियॉ उपलब्ध करायी जाती है।