आयुर्वेद विभाग एक दृष्टि में
आयुर्वेद विभागः एक दृष्टि में
राजस्थान राज्य में आयुर्वेदिक, प्राकृतिक व योग चिकित्सा पद्धति की सेवायें उपलब्ध करवायी जा रही है। राज्य में आयुर्वेद विभाग का मुख्यालय, अशोक मार्ग, लोहागल रोड, अजमेर में स्थित है।
विभागीय औषधालय/चिकित्सालय की पद्धतिवार संख्या
आयुर्वेदिक औषधालय/चिकित्सालय - 3698
योग एवं प्राकृतिक चिकित्सालय - 3
योग एवं प्राकृतिक औषधालय - 3
चल चिकित्सा इकाईयां - 14
औषध निर्माण शालाऐं - 5
(अजमेर,जोधपुर,उदयपुर,भरतपुर,केलवाडा (बांरा))
चिकित्सा कार्मिकों के स्वीकृत पद
आयुर्वेद चिकित्सक - 4491
पदनाम | आयुर्वेद |
नर्सिग अधीक्षक ग्रेड I |
3 |
नर्सिग अधीक्षक ग्रेड II |
13 |
वरिष्ठ नर्स कम्पाउण्डर |
623 |
कनिष्ठ नर्स कम्पाउण्डर |
3450 |
विभाग के सर्वप्रथम निदेशक के रूप में कविराज श्री प्रतापसिह ने अपनी सेवायें 1.4.1950 से 12.9.1952 तक दी थी। इसके बाद राजवैद्य श्री नन्दकिशोर शर्मा, कविराज श्री नित्यानन्द शर्मा, श्री प्रेंमशंकर शर्मा, श्री दोलतराम चतु्र्वेदी , श्री गोकुलेन्द्र शर्मा, श्री प्रहलाद राय देराश्री, श्री नरहरि शास्त्री, श्री अम्बालाल त्रिवेदी, श्री देवशंकर शर्मा, श्री रामभरोसी मिश्र, डॉ. के.पी. व्यास आदि ने इस पद पर अपनी सेवायें प्रदान की है।
विभागीय चिकित्सक एवं नर्सिग कर्मचारी प्रदेश की राजधानी से लेकर सुदूर पर्वतीय, रेगिस्तानी, ग्रामीण व शहरी, आदिवासी,पिछडे सभी क्षेत्रों में अपनी सेवाओ के माध्यम से चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करा रहे हैं। विभाग के 90 प्रतिशत औषधालय ग्रामीण क्षेत्र में संचालित हैं।
विभाग द्वारा न केवल चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करायी जाती है वरन् औषधियो का निर्माण कर रोगियो को उनका निशुल्क वितरण भी किया जाता है। इसके अतिरिक्त विभागीय चिकित्सक,नर्स/कम्पाउन्डर एवं अन्य कर्मचारी परिवार कल्याण,प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य संरक्षण,पल्स पोलियो, साक्षरता, अल्प-बचत, कुष्ठ-उन्मुलन, अन्धता-निवारण, मलेरिया उन्मुलन, क्षय-नियन्त्रण आदि राष्ट्रीय महत्व के कार्यक्रमो में भी अपना सक्रिय योगदान कर रहें हैं।
आयुर्वेद व यूनानी औषधियों के निर्माण लाईसेन्स जारी करने हेतु अनुज्ञापन प्राधिकारी नियुक्त किया हुआ है।
आयुर्वेद व यूनानी औषधियों के निर्माण हेतु विभागान्तर्गत राज्य में 5 औषध निर्माण शालायें अजमेर, जोधपुर, उदयपुर, भरतपुर व केलवाडा (बांरा) में संचालित हैं। इन निर्माण शालाओं में वर्तमान में 63 आयुर्वेदिक व 18 यूनानी औषधियों का निर्माण किया जा रहा है।
निजी सहभागिता के तहत श्री द्वारिकाधीश पंचगव्य रसायनशाला विकास एवं प्रबन्ध समिति के अधीन पंचगव्य रसायनशाला तथा एक राजकीय रसायनशाला ग्राम केलवाडा, पंचायत समिति शाहबाद, जिला बांरा में स्थापित की जाकर औषधि निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है।
राजस्थान राज्य में आयुर्वेद विभाग का प्रशासनिक ढांचा
शीर्ष स्तर
माननीय चिकित्सा,स्वास्थ्य, परिवार कल्याण एवं आयुर्वेद मंत्री, राजस्थान
माननीय चिकित्सा,स्वास्थ्य, परिवार कल्याण एवं आयुर्वेद राज्यमंत्री, राजस्थान
माननीय प्रमुख शासन सचिव, आयुर्वेद एवं भारतीय चिकित्सा विभाग ,जयपुर
माननीय उप शासन सचिव, आयुर्वेद एवं भारतीय चिकित्सा विभाग ,जयपुर
माननीय सहायक शासन सचिव, आयुर्वेद एवं भारतीय चिकित्सा विभाग, जयपुर
निदेशालय स्तर
निदेशक, आयुर्वेद विभाग, अजमेर
अतिरिक्त निदेशक(प्रशा.)आयुर्वेद विभाग अजमेर
वित्तीय सलाहकार, आयुर्वेद निदेशालय अजमेर
अतिरिक्त निदेशक (आयुर्वेद) |
दस पद |
उप विधि परामर्शी |
एक पद |
उपनिदेशक आयुर्वेद |
सैंतीस पद |
लेखाधिकारी |
तीन पद |
सहायक निदेशक आयुर्वेद |
पचास पद |
सहायक औषधि नियन्त्रक आयुर्वेद |
एक पद |
सांख्यिकी अधिकारी |
एक पद |
वरिष्ठ विधि अधिकारी |
एक पद |
सहायक लेखाधिकारी -। |
सात पद |
संभाग स्तर पर प्रभावी प्रशासनिक नियन्त्रण हेतु अतिरिक्त निदेशक कार्यालय स्थापित हैं।
राज्य के सभी जिला मुख्यालयों पर उप निदेशक आयुर्वेद विभाग कार्यालय स्थापित हैं । जयपुर जिले में कार्य की अधिकता एवं औषधालयों की संख्या अधिक होने के कारण उप निदेशक आयुर्वेद विभाग अ क्षेत्र व ब क्षेत्र के पृथक्-पृथक् कार्यालय स्थापित हैं।