मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजना
मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजना
सर्वाधिक उपयोग में आने वाली आवश्यक दवाईयां मुफ्त
राजस्थान सरकार की बजट घोषणा 2011-2012 में राजस्थान मेडिकल सर्विसेज कार्पोरेशन के गठन का उल्लेख किया गया है। इस निगम के माध्यम से राज्य के सभी चिकित्सा संस्थानों के लिए जैनेरिक औषधियां, सर्जिकल एवं डाईग्नोस्टिक उपकरणों की खरीद हेतु केन्द्रीकृत व्यवस्था लागू की जाएगी। राजकीय अस्पताल में आने वाले सभी मरीजों को सर्वाधिक उपयोग में आने वाली आवश्यक दवाईयां 02 अक्टुबर 2011 से नि:शुल्क उपलब्ध करवाई जा रही है। साथ ही राजकीय चिकित्सालयों में थेलेसीमिया और हिमोफिलिया के मरीजों को चिकित्सा सुविधा भी नि:शुल्क उपलब्ध करवाई जा रही है।
योजना के लाभ – उच्च गुणवत्ता व कम लागत की चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने की दिशा में ऐतिहासिक और संवेदनशील पहल, जिसके अन्तर्गत :-
1. राज्य की जनता को बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए सामान्य उपयोग में आने वाली आवश्यक दवाईयों का नि:शुल्क वितरण किया जा रहा है।
2. आम वर्ग के दवा पर होने वाले खर्च में कटौती हो रही है।
3. धन की कमी के चलते चिकित्सा सेवाओं से वंचित लोगों का ईलाज सम्भव होगा।
4. दवाईयां व इन्जेक्शन आदि के साथ साथ सामान्यत: उपयोग में आने वाले सर्जिकल आईटम्स जैसे नीडल, डिस्पोजेबल सिरीज, आईवीए ब्लड ट्रान्सफ्यूजन सेट व टांकों हेतु सूजर्स आदि भी नि:शुल्क उपलब्ध करवाये जा रहै है।
लाभार्थी :-
1. राजकीय अस्पताल में उपचार के लिए आने वाले समस्त बहिरंग (OPD) मरीज ।
2. राजकीय अस्पताल में भर्ती (IPD) मरीज।
3. समस्त राजकीय अधिकारी, कर्मचारी, एवं सेवानिवृत्त राज्यकर्मी (पेंशनर्स)। (सेवानिवृत्त राज्य कर्मचारियों के लिए डायरी व्यवस्था पूर्ववत् जारी रहेगी।
4. निम्न को पूर्व की भांति ‘’मुख्यमंत्री जीवन रक्षा कोष’’ के अन्तर्गत लाभ मिलता रहेगा।
a. बीपीएल/स्टेट बीपीएल
b. आस्था कार्डधारी
c. एचआईवी एड्स के रोगी
d. वृद्धावस्था पेंशनधारी (सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा अनुमोदित)
e. विकलांग व विधवा पेंशनधारी (सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा अनुमोदित)
f. जोधपुर शहर की चार नट व सांसी बस्तियों में रहने वाले परिवार
g. अन्त्योदय अन्न योजना (बांरा जिले के एपीएल सहरिया परिवार)
h. अन्नपूर्णा योजना के लाभार्थी
i. कथौडी जनजाति के समस्त परिवार
j. मेहरानगढ दुर्ग जोधपुर दु:खान्तिका के पीडित परिवार
k. बीपीएल/स्टेट बीपीएल परिवार के नि:सन्तान दम्पत्ति
l. थेलेसीमिया और हिमोफिलिया से पीडित मरीज (2 अक्टूबर 2011 से)।
m. सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा संचालित व अनुमोदित अनाथालय के बच्चे, शारीरिक व मानसिक विमंदित बच्चे जो सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अथवा उनके अनुमोदित विद्यालय के विद्यार्थी एवं सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा संचालित/अनुमोदित नारी निकेतन में निवासरत महिलाएं।
मुख्यमंत्री निःषुल्क दवा योजना एवं निःषुल्क जांच योजना का सुद्रढीकरण कर राज्य सरकार द्वारा आमजन के स्वास्थ्य में निरन्तर सुधार की प्रक्रिया जारी है। इस योजना का लाभ राज्य की सम्पूर्ण जनता के लिये उपलब्ध कराया जा रहा है तथा राज्य का कोई भी व्यक्ति दवा के अभाव में चिकित्सा सुविधा से वंचित नहीं है।
- राजस्थान मेडिकल सर्विसेज कार्पोरेशन के माध्यम से राज्य के लगभग 17550 चिकित्सा संस्थानों में नि:शुल्क दवायें उपलब्ध करायी जा रही है।
- राज्य के लिये आवष्यक दवा सूची (Essential Drug List) तैयार की गई है। जिसमें वर्तमान में निम्न प्रकार की दवायें सर्जिकल्स एवं सूचर्स शामिल हैः- दवायें-591, सर्जिकल्स-73, सूचर्स-77
- राजकीय चिकित्सा संस्थानों में संचालित नि:शुल्क दवा वितरण केन्द्रों पर उपलब्ध कराई जा रही दवाईयों की सूची प्रदर्शित की गई है।
- आउटडोर रोगियों हेतु दवा वितरण केन्द्र ओ.पी.डी के समयानुसार तथा इन्डोर एवं आपातकालीन मरीजों के लिये दवा की उपलब्धता 24 घण्टे सुनिश्चित की गई है।
- निगम में वर्तमान में कुल स्वीकृत पद 447, कार्यरत पद 260 एवं रिक्त पद 187 है।
स्थानीय क्रय (Local Purchase)- चिकित्सालय में आवश्यकता होने पर वार्षिक बजट का 10 प्रतिशत स्थानीय स्तर पर दवा क्रय किये जाने का प्रावधान रखा गया है।
उपचार की अवधि (Duration of Treatment)- सामान्यता रोगी को तीन दिन की निःशुल्क दवा उपलब्ध कराई जाती है। अति-आवश्यक होने पर या विशेष परिस्थितियों में कारण इंगित करते हुये 7 दिन तक की दवा दी जा रही है। लम्बी बीमारी यथा ब्लड प्रेशर/डायबिटिज/हार्ट डिजिज/मिर्गी/एनिमिया आदि के रोगियों व पेंशनर्स को एक माह तक की अवधि की दवाईयां उपलब्ध कराई जा रही है।
गुणवत्ता परीक्षण- दवाओं की गुणवत्ता की जांच ड्रग टेस्टिंग लैबोरेट्रीज द्वारा सुनिश्चित की जा रही है। आरएमएससी द्वारा दवा प्राप्त करने के पश्चात् उसे निषेध क्षैत्र (Quarantine Area) में रखा जाता है एवं पुनः इन दवाईयों की प्रयोगशाला जांच आरएमएससी द्वारा सूचीबद्ध प्रयोगशाला में की जाती है तथा दवाईयों के जांच में खरा उतरने के पश्चात् आम जनता को वितरण के लिये अस्पतालों को जारी की जाती है।
कम्प्यूटराइजेशन - दवाओं के स्टांक के प्रबन्धन हेतु जिला औषधि भण्डार को कम्प्यूटराइजेशन कर विषेष आनलाइन मानिटरिंग (E-Aushadhi) प्रणाली स्थापित की गई है, जिसमें सभी चिकित्सा संस्थानों की सूची के साथ-साथ दी जाने वाली दवाईयों की सूची भी उपलब्ध है। इस आनलाईन साफ्टवेयर (E-Aushadhi) के माध्यम से टेण्डरिंग करने, इनडेन्ट भेजने, चिकित्सा संस्थानों पर दवाईयों के उपभोग की स्थिति जानने, घोषित औषधियों के बारे में सूचना प्रेषित करने आदि में मदद मिलती है तथा औषधियों का समुचित उपयोग सुनिश्चित होता है। अस्पतालों को दी जाने वाली दवाईयों का विवरण भी इस साफ्टवेयर में दर्ज होता है जिससे आवकता अनुसार रिपोर्ट प्राप्त की जाती है।
बजटः-
वित्तीय वर्ष 2015-16 हेतु राज्य सरकार द्वारा राषि 280.00 करोड़ रूपये का प्रावधान स्वीकृत किया गया था। दिनांक 01 अप्रैल 2015 से 31 दिसम्बर 2015 तक निगम को राषि 323.56 करोड़ रूपये प्राप्त हुई जिसमें से राशि 210.00 करोड़ रूपये राज्य सरकार से अनुदान एवं राषि 113.56 करोड़ रूपये एनएचएम से प्राप्त हुई। दिनांक 01 अप्रेल 2015 से 31 दिसम्बर 2015 तक राषि 311.88 करोड़ रूपये की औषधियाॅ/सर्जिकल्स/सूचर्स विभिन्न चिकित्सा संस्थाओं को वितरित किये गये जिसमें से राज्य सरकार से प्राप्त राशी के विरूद्ध निम्नानुसार वर्षवार अनुदान राशि का उपयोग किया गयाः-
क्र.स. |
वर्ष |
प्राप्त राशि |
कुल प्राप्त राशि |
राज्य सरकार एवं एन.एच.एम से प्राप्त राशि के विरूद्ध कुल व्यय |
||
राज्य सरकार |
एन.एच.एम |
अन्य प्राप्तिया |
||||
1 |
2013&14 |
140-00 |
135-92 |
0-54 |
330-95 |
324-34 |
2 |
2014&15 |
184-99 |
186-83 |
2-36 |
374-18 |
319-45 |
3 |
2015&16 Up to Dec. 2015 |
210-00 |
113-56 |
1-83 |
325-39 |
325-39 |
उपलब्धिः-
- राजकीय चिकित्सा महाविद्यालयों से संबद्ध चिकित्सा संस्थानों पर औषधियों, सर्जिकल एवं सूचर्स की आपूर्ति निर्बाध रूप से सुनिश्चित करने केउदेश्य से चिकित्सा महाविद्यालयों से सम्बद्ध चिकित्सा संस्थानो हेतु अलग से मेडिकल काॅलेज औषधि भंडार गृहों का निर्माध एवं संचालन किया गया है। वर्तमान में 5 राजकीय चिकित्सा महाविद्यालयों हेतु अलग से मेडिकल काॅलेज औषधि भंडार गृृह कार्यरत है एवं एसएमएस मेडिकल काॅलेज हेतु औषधि भंडार गृृह के निर्माण का कार्य प्रगति पर है।
- स्वाइन फ्लू के उपचार में उपयोग में ली जाने वाली ओसाल्टामावीर औषधि की चार स्ट्रेन्थ्स (30mg, 45mg, 75mg कैपसूल एवं 75ml सिरप) एवं नवजात बच्चों को लगने वाला विटामिन K1 इंजेकशन को निगम द्वारा तैयार आवश्यक दवा सूची में शामिल किया गया है।
- मलेरिया रोग के नियंत्रण हेतु पांच प्रकार के ए.सी.टी (Artemisinin Combination Therapy) पैक्स को आवश्यक दवा सूची में शामिल किया गया है।
- किशोरी बालिकाओं को सैनेटरी नैपकिन वितरण योजना अन्तर्गत वितरित किये जाने वाले बैल्टलैस सैनेटरी नैपकिन को निगम की आवश्यकता दवा सूची में शामिल किया गया है।
- दवाओं के समुचित एवं प्रभावी उपयोग सुनिश्चित करने हेतु निगम द्वारा मानक उपचार निर्देशिका (Standard Treatment Guidelines- STG) एवं आवश्यक दवा सूची (Essential Drug Lis - EDL) तैयार कराकर सभी राजकीय चिकित्सकों (चिकित्सा शिक्षा विभाग एवं चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग) को उपलब्ध करायी गयी।
- जिला/मेडिकल काॅलेज भण्डार गृहों पर औषधियों के रख-रखाव हेतु हैवी ड्यूटी रैक्स, पैलेट्स एयर ट्रक्स, आवश्यक फर्नीचर आदि उपकरण उपलब्ध कराये गये है।
- नवीनतम सांख्यिकी- वर्तमान में निगम अन्तर्गत 34 जिला औषधि भण्डार गृह एवं 5 मेडिकल कालेज औषधि भण्डार गृह संचालित है।